'कोई भी भाषा माँ और बच्चे के बीच में दीवार नहीं बन सकती' अनिरुद्ध बापू के इस वाक्य ने किसी भी इन्सान को भगवान न मानने वाले विद्यार्थी को सच्चा भक्त बना कर अनुभव कैसे प्रदान किया इसका वर्णन कर रहे है श्री सुनिशसिंह सुदान | सद्गुरु एक मॉं की तरह होता है, जो अपने अबोल बच्चे के मन की बात बिना कहे ही समझ जाती है। उसके द्वारा दी गयी कोई भी चीज उस वक्त की आवश्यकता और दवा का काम करती है। अंर्तयामी है हमारा सद्गुरु, यह बता रहे है स्वानुभव से श्री सुनिशसिंह सुदान।
Aniruddha Bapu - Narration of personal experience by Sunish Sudan (Hindi) Source - AniruddhaBapuVideo |
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